लेखक:
गोविन्द प्रसाद
जन्म : 26 अगस्त, 1955 को बाजार सीताराम, पुरानी दिल्ली में। शिक्षा : शुरू से आखिर तक दिल्ली में ही। ‘अज्ञेय के साहित्य में काल-दृष्टि’ विषय पर दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली से सन् 1992 में पी-एच.डी. की उपाधि। प्रकाशित पुस्तकें : ‘कोई ऐसा शब्द दो’ (1996) और ‘मैं नहीं था लिखते समय’ (2007) दो कविता संग्रह प्रकाशित। त्रिलोचन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित पुस्तक ‘त्रिलोचन के बारे में’ (1994)। नई कविता और प्रगतिशील कविता के महत्त्वपूर्ण कवियों पर आलोचना पुस्तक ‘कविता के सम्मुख’ वर्ष 2002 में प्रकाशित। ‘मलयज की डायरी’ (2000) का प्रो. नामवर सिंह के साथ सहसम्पादन तथा ‘वर्तमान साहित्य’ पत्रिका का ‘शताब्दी कथा साहित्य विशेषांक’ (जनवरी-फरवरी,2000) व ‘शताब्दी कविता विशेषांक’ (मई-जून,2004) का सह-सम्पादन। फ़िराक़ गोरखपुरी की बहुचर्चित कृति ‘उर्दू की इश्क़िया शायरी’ (1998) तथा उर्दू के महत्त्वपूर्ण आलोचक शम्सुर्रहमान फ़ारुक़ी की ‘उर्दू का इब्तिदायी ज़माना’ का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित। ईरान सांस्कृतिक शोध केन्द्र से दो खंडों में प्रकाशित ‘फ़ारसी-हिन्दी कोश’ (2001) तथा ‘फ़रहंगे- आर्यान’ (फ़ारसी-हिन्दी-अंग्रेज़ी-उर्दू कोश) के अभी तक प्रकाशित दो खंडों का सम्पादन। हिन्दोस्तानी राग संगीत के महत्त्वपूर्ण ख़याल गायकों तथा चित्रकला पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लेख प्रकाशित। भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् (ICCR) की ओर से सन् 2008 में दो वर्ष के लिए सोफ़िया विश्वविद्यालय, बल्गारिया में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर के रूप में अध्यापन। भारतीय शास्त्रीय संगीत और चित्रकला में गहरी अभिरुचि। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के भारतीय भाषा केन्द्र में एसोसिएट प्रोफ़ेसर। सम्पर्क : 1457, पूर्वांचल, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली-110067 |
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आलाप और अन्तरंगगोविन्द प्रसाद
मूल्य: $ 11.95 संवाद-संलाप... - समाज से, अपने बीते हुए से, अपने आज से और अन्ततः अपने आप से – अपने के भी अपने से। आगे... |